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कूबड़ वाला बैल सिंधु घाटी सभ्यता में कहाँ से मिला ?

Answer – हड़प्पा वासिओ को कूबड़ वाला सांड अत्यधिक प्रिय था , परन्तु इसके प्रमाण कहाँ से प्राप्त हुए है इसका वर्णन साफ नहीं है ।

Answer – आग में पकी हुई मिटटी को टेराकोटा कहा जाता है ।

Answer – सिंधु घाटी सभ्यता में लोग आद्य शिव की पूजा करते थे ।  सिंधु सभ्यता में लिंग पूजा का भी प्रचलन पते है , जो कालांतर में शिव की पूजा से गहन रूप से जुड़ गई थी । हड़प्पा में पक्की मिटटी की बनी स्त्री – मुर्तिया बड़ी संख्या में मिली है । एक मूर्ति में स्त्री के गर्भ से निकलता एक पौधा दिखाया गया है । जो संभवतः पृथवी देवी की प्रतिमा है और इसका पौधा के जन्म और वृद्धि से होगा ।

Answer – ईंट की विमाओ का अनुपात 16 था । हड़प्पाई लोग मापना भी जानते थे । बाट के रूप में मनके और जवाहरात की बहुत सी वस्तुए पाई जाती है , जिनसे प्रकट होता है कि तौल में 16 या उसके आवर्तको का प्रयोग होता था , जैसे – 16 , 64 , 160 , 320 और 640। तराजू सुरकोटदा से मिला है ।

Answer – सिंधु घाटी सभ्यता में उल्लू के कोई अवशेष या प्रमाण नहीं मिले है । हड़प्पा सभ्यता के लोग बैल , गाय , भैंस , भेड़ और सूअर पालते थे । इन्हे कूबड़ वाला सांड विशेष प्रिय था ।

Answer – सिंधु सभ्यता में शेर के कोई अवशेष नहीं मिले है । हड़प्पा सभ्यता के लोग बैल , गाय , भैंस , भेड़ और सूअर पालते थे । इन्हे कूबड़ वाला सांड विशेष प्रिय था । इसके अतिरिक्त ये गद्दे और ऊंट भी रखते थे । बन्दर , भालू , खरहा आदि जानवरो का भी ज्ञान था , परन्तु सिंधु सभयता में शेर के कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए है ।

Answer – सिंधु घाटी सभ्यता में सर्वप्रथम भूकंप के अवशेष मोहनजोदड़ो नामक स्थान से प्राप्त हुए है । कई इतिहासकार का मानना है कि भूकंप कि वजह से सिंधु नदी कि धरा बदल गई , जिसके कारण मोहनजोदड़ो का पृष्ठ प्रदेश वीरान हो गया , और यही सिंधु सभ्यता के पतन का कारण बना ।

Answer – मोहनजोदड़ो का सबसे महत्वपूर्ण सार्वजानिक स्थल विशाल स्नानागार है । यह 11.88 मीटर लम्बा , 7.01 मीटर चौड़ा और 2.43 मीटर गहरा है । इसमें उतरने के लिए उत्तर तथा दक्षिण की और सीढिया बानी हुई थी । स्नानागार का फर्श पक्की ईंटो का बना है एवं इसके मध्य में स्नानकुंड स्थित था । इस विशाल स्नानागार का उपयोग सार्वजानिक रूप से धर्मानुष्ठान सम्बन्धी स्नान के लिए होता था ।

Answer – धौलावीरा एकमात्र ऐसी जगह है , जहा से स्टेडयम के साक्ष्य प्राप्त हुए है । भारत में स्थित सिंधु सभ्यता की दूसरी सबसे बड़ी बस्ती है , जो तीन भागो में विभक्त एक आयताकार नगर हुआ करता था । यहाँ से कुँए के भी प्रमाण मिले है , जिसके कारण इसका नाम धौलावीरा रखा गया ।

Answer – सिंधु सभ्यता की सबसे प्रमुख विशेषता इसकी नगर योजना प्रणाली थी । हड़प्पा और मोहनजोदड़ो दोनों नगरों के अपने – अपने दुर्ग थे । भवनों के दरवाजे सडको की और या सहायक सडको की और खुलते थे । Sindhu Ghati Sabhyata ( सिंधु घाटी सभ्यता ) में दो मंजिल घर भी थे । घरो में कई कमरे , रसोईघर , स्नानागार तथा बीच में आँगन की व्यवस्था थी ।

Answer – हड़प्पा काल को कांस युग भी कहा जाता है । हड़प्पा काल में सभी शहरो में कांस से बने हुए बहुत सी वस्तुए भी प्राप्त हुई है , इसलिए हड़प्पा के नियोजित शहर कांस काल के थे ।

Answer – हड़प्पा सभ्यता के नियोजित शहर कांस्य काल के थे , इसलिए कही – कही इसको कांस्य युगीन सभ्यता भी कहा गया है ।

Answer – हड़प्पा सभ्यता या सिंधु घाटी की सभ्यता में सोने की आयात अफगानिस्तान , फारस और दक्षिण भारत से किआ जाता था ।

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